
शुगर लेवल होता है नियंत्रित
शुगर के मरीजों को आंवले के जूस को रोज पीना चाहिए। इससे शुगर लेवल ठीक रहता है और धीरे-धीरे डायबिटीज से हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है।

इंसुलिन हार्मोंस होता है मजबूत
आंवला की अच्छी बात यह है कि यह क्रोमियम इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को ऐक्टिवेट कर देता है, ऐसा होने से ब्लड शुगर कंट्रोल होता है। असल में यह सेल्स शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं।
Most Read :टाइप 1-डायबिटिज से जूझ रही है सोनम कपूर, जानिए इस दुलर्भ बीमारी के बारे में

आवंला ब्लड में घुलकर नियंत्रित करता है
आंवला में पॉलीफेनॉल होता है जो हाई ब्लड शुगर कंट्रोल करता है। पॉलीफेनॉल इंसुलिन के रेसिस्टेंस को रोकते हैं, आंवला ब्लड शुगर में इंसुलिन घुलने से रोकता है।

बॉडी को करता है डिटॉक्स
आवंले में एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते है। बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन से लड़ने की ताकत होती है। इसे खाने से हमारे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है, आंवला शरीर में मौजूद टॉक्सिन यानी कि जहरीले पदार्थों को बाहर निकाल देता है।

कॉलेस्ट्रोल को करता है निंयत्रित
आंवले में मौजूद क्रोमियम बीटा ब्लॉकर के प्रभाव को कम करके दिल मजबूत और हेल्दी बनता है। यही नहीं आंवला खराब कॉलेस्ट्रोल को खत्म कर अच्छे कॉलेस्ट्रोल को बनाने में मदद करता है।
Most Read : कहीं आपकी थकान डायबिटीज़ का संकेत तो नहीं?

इस बात का भी रखे ध्यान
- आयुर्वेद के अनुसार आंवला को दूध के साथ इस्तेमाल में नहीं लाया जाना चाहिए। सेहत के लिहाज से आंवला और दूध या दूध से बने पेय पदार्थों के बीच कम से कम आधे घंटे का अंतराल रखे।
- आंवला ब्लीडिंग के ख़तरे को भी बढ़ा सकता है, ऐसे में अगर आप इस तरह के किसी विकार से पीड़ित हैं, तो इसका इस्तेमाल न करें।
- अगर आप लीवर से जुड़ी किसी समस्या से गुज़र रहे हैं तब आपको आंवला से बने ऐसे किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं करना चाहिए जिसमें अदरक या गुदुची जैसी जड़ीबूटी मिली हो।